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ऐ काले धन महाशय तुम जल्दी अपने वतन लौट आओं…

ताहिर की कलम से
ताहिर की कलम से
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ऐ काले धन महाशय तुम जल्दी अपने वतन लौट आओं…….
तुम्हारा इंतजार करोड़ों हिन्दुस्तानी बेसब्री से कर रहे हैं।
क्यों तुम हम हिन्दुस्तानियों से इतने रुठे हुए हो…
क्या तुम्हें अपने मुल्क की तनिक भी याद नहीं आती।
जितना प्यार तुम्हें विदेशी बैंक देते हैं। उससे कई गुणा ज्यादा तुम्हें हिन्दुस्तानी भी दे सकते हैं।
ऐ काले धन महाशय कुछ समय पहले महाशय कुछ समय पहले बाबा ने भी तुम्हें लाने का आहवान किया था। लेकिन तुमने उन्हें भी कोई लिफ्ट नहीं दी। कम से कम बाबा की थोड़ी लाज तो रखी हाती।
ऐ काला धन महाशय तुम एक बार हिन्दुस्तान आ जाओं देखों कितना सुंदर और कितना रंगत दिखाई देती है।
ऐ धनों के धन काले धन महाशय जब से तुम देश छोड़कर विदेश गये हो, तभी से आज तक तुम्हारा चर्चा जोरों पर रही है।
क्या तुम्हें अपने वतन की याद बिल्कुल नहीं आती।
ऐ कालेधन महाशय अब मोदी जी तुम्हें हर हाल में वापस भारत लाने की बात कही है। ऐ कालेधन महाशय हम जानते है। तुम काले हो तो क्या हुआ दिलवाले हो… तमाम हिन्दुस्तानी तेरे चाहने वाले हैं।
ऐ काले धन महाशय जिन लोगों ने तुम्हें विदेश में कैद करने के लिए भेजा है तुम चिंता मत करों एक दिन वो भी अंदर कैद होंगे।
तुम देख लेना…….. ऐ धनों के धनकाले धन महाशय तुम बहुत अच्छे हो कुछ लोगों ने मिल कर तुम्हें काला बना दिया हैं, हमारे यहां काले और सफेद दोनों मिल जुलकर रहते हैं।
ऐ काले धन महाशय आज पूरा हिन्दुस्तान तुम्हें पुकार रहा है।
तुम आओं पूरा हिन्दुस्तान तुम्हारा इश्वकबाल करेगा। ऐ कालेधन जी ! आप जब तक विदेश से लैटने की प्रक्रिया पूरी नहीं कर लेते तब तक यहां अपने वतन में भी कहीं मौजूद हों तो छिपे मत रही बाहर आ जाइए ना
ऐ काले धनजी !
जिन लोगों ने तुम्हें कैद करवाया उनके नाम भी सामने आ गए हैं।
ऐ काले धन महाशय उन लोगों को भी सांसे अटकी हुई हैं।
जिन लोगों के नाम अभी आने बाकि है। जब तुम आओगें देख लेना तुम्हारी सिक्योरिटी में कितने लोग तुम्हारी रक्षा करेंगे।
ऐ कालेधन महाशय तुम जल्दी आ जाओं तुम्हारी कमी पूरे भारतीयों को खल रही है।

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